यूटिलिटी डेस्क. नए साल में आपने कई तरह के रेजॉल्यूशन लिए होंगे। अपने इन रेजॉल्यूशन में मनी और इंवेस्टमेंट को भी शामिल करें और खुद के लिए तय करें कि इस साल आप अपने पैसों का ज्यादा सजगता, समझदारी और सतर्कता के साथ प्रबंधन करेंगी। अपने लिए कुछ नियम बनाएं। हम यहां इससे जुड़े कुछ सुझाव दे रहे हैं।
ऐसे करें प्लानिंग
पैसे आपको तनाव न दें
इस साल मनी मैनेजमेंट को तनाव न बनने दें। कई लोग व्यक्तिगत संबंधों, नौकरी और स्वास्थ्य से ज्यादा तवज्जो पैसों से जुड़े मामलों को देने लगते हैं। फाइनेंशियल स्ट्रेस से शारीरिक और मानसिक, दोनों तरह के लक्षण देखे जा सकते हैं। जैसे अवसाद या नींद न आने जैसी समस्याएं। इस सबसे बचने का एक ही तरीका है। आप यह पता करें कि वित्तीय जीवन का कौन सा पहलू परेशान करता है। हो सकता है क्रेडिट कार्ड के बिल का टेंशन हो या इमरजेंसी फंड न होने की चिंता हो या फिर निवेश को लेकर स्पष्टता न होने का दबाव हो। समस्या को समझकर इस साल हल की दिशा में काम करने की कोशिश करें, ताकि तनाव न हो।
इस बार कीजिए ज्यादा निवेश करने की कोशिश
आप जितने जल्दी बचत और निवेश की प्राथमिकताएं तय कर लेंगी, उतना लाभ कमा पाएंगी। हम यहां एक उदाहरण दे रहे हैं। मान लीजिए आप सालाना 10 हजार रुपए निवेश करती हैं और आपको 8 फीसदी रिटर्न मिलता है। तो पहले दस साल तो केवल 11,581 रुपए की ग्रोथ दिखेगी और पैसा बढ़कर 21,589 रुपए हो जाएगा। लेकिन 40 से 50 साल के बीच यह ग्रोथ 2,51,771 रुपए की हो जाएगी। यह तो केवल 10 हजार रुपए सालाना का असर है। आप जितना निवेश करेंगी, उतने ज्यादा अच्छे रिटर्न की संभावना बढ़ेगी क्योंकि आपको चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ मिलेगा।
लक्ष्य तय करने से पहले पूछें 'क्यों'
कोई भी वित्तीय लक्ष्य तय करने से पहले खुद से ये जरूर पूछें कि आप यह लक्ष्य क्यों बना रही हैं, इससे क्या हासिल करना चाहती हैं। हो सकता है जल्दी रिटायरमेंट के उद्देश्य से पैसे इकट्ठे कर रही हों, या किसी अनहोनी की स्थिति में पैसों की जरूरत को पूरा करने के उद्देश्य से पैसा जोड़ रही हैं। लक्ष्य स्पष्ट होने पर निवेश का सही तरीका चुन पाएंगी।
इन बातों का ध्यान रखना भी है जरूरी
कागजात व्यवस्थित रखें
पैसों से जुड़े सभी कागजात, फाइनेंशियल डिटेल्स और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड व्यवस्थित रखें ताकि टैक्स रिटर्न, टैक्स रिकॉर्ड आदि स्थितियों में आसानी हो।
पर्सनल फाइनेंस की जानकारी सुरक्षित रखें
यह बेसिक बात है, लेकिन जरूरी भी। कठिन पासवर्ड रखें। पासवर्ड मैनेजर एप्स का इस्तेमाल कर सकती हैं लेकिन ये विश्वसनीय हों। वित्तीय एप्स और वेबसाइट के लिए ड्युअल फैक्टर ऑथेंटिकेशन जैसे टूल इस्तेमाल करें।
ऑटो पेमेंट अपनाएं
क्रेडिट कार्ड, इंश्योरेंस और अन्य बिल जहां ऑटो पेमेंट की सुविधा हो, वहां इसका इस्तेमाल जरूर करें। ऑटोमेशन से पेनल्टी में लगने वाला पैसा तो बचेगा ही, साथ ही क्रेडिट स्कोर भी अच्छा रहेगा।
रिव्यू करती रहें
महीने में एक दिन तय करें जिस दिन आप पैसों से जुड़ी हर चीज का रिव्यू करें। इसमें क्रेडिट कार्ड के बिल स्टेटमेंट, बैंक एकाउंट एक्टिविटी, ट्रांजेक्शन आदि की जांच करें ताकि किसी गड़बड़ी को समय रहते पकड़ा जा सके।